शनिवार, 10 जुलाई 2021

Hindi Sahitya

 भेड़ें और भेड़िये

    हरिशंकर परसाई 

लेखक परिचय 

'भेड़ें और भेड़िये' के लेखक हरिशंकर परसाईजी का जन्म २२ अगस्त १९२४ को मध्यप्रदेश में हुआ था | ये व्यंग्य लेखक हैं | पर उनका व्यंग्य केवल मनोरंजन के लिए नहीं लिखा गया है | उन्होंने अपने व्यंग्य के द्वारा पाठकों का ध्यान व्यक्ति और समाज की उन कमजोरियों और विसंगतियों की ओर आकृष्ट किया है जो मानव जीवन को दूभर बना रही हैं |उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में व्याप्त भ्रष्टाचार और शोषण पर करारा व्यंग्य किया है | उनके व्यंग्यात्मक निबंध हिंदी साहित्य में बेजोड़ हैं | आपकी शैली प्रतीकात्मक अर्थ प्रदान कर गागर में सागर भरने का काम करती है | आपको साहित्य  अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है| 
 

पाठ के मुख्य बिंदु

* वन के पशुओं को लगा कि वन में एक अच्छी शासन व्यवस्था होनी चाहिए |

* एकमत से तय हो गया कि वनप्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना हो | इस बात से पशु समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई |

 * भेड़ों की संख्या 90 फ़ीसदी थी | भेड़ों ने सोचा कि अब हमारा डर दूर हो जाएगा | हम अपने प्रतिनिधियों से कानून बनाएंगे कि कोई भी प्राणी न किसी को सताए न मारे | सब जिएँ और जीने दें |

* भेड़ियों की संख्या 10  फ़ीसदी थी| भेड़िए चिंतित थे कि अब उन्हें घास खाना सीखना पड़ेगा या वन छोड़ कर जाना पड़ेगा |

* भेड़िए के आसपास दो-चार सियार रहते हैं | जब भेड़िये अपना शिकार खा लेते हैं | तब सियार हड्डियों में लगे बचे हुए मांस को खाते हैं |

* बूढ़े सियार ने भेड़िए को बहुमत दिलाने की योजना बनाई |

* उसने भेड़िये का रंग-रूप बदलकर उसे संत बना दिया | बूढ़े सियार ने भेड़िए के मस्तक पर तिलक लगाया, गले में कंठी पहनाई और मुँह में घास के तिनके खोंस दिए |

* बूढ़ा सियार भेड़िए का चुनाव प्रचार करने के लिए तीन सियारों को पीले, नीले और हरे रंग में रंग कर लाया |

* पीला सियार विद्वान, विचारक, कवि और लेखक है |

* नीला सियार नेता और पत्रकार है | 

* हरा सियार धर्मगुरु है |

* इन तीनों ने भेड़िए का चुनाव प्रचार किया और भेड़ें इनकी बातों में आ गई |

* जब पंचायत का चुनाव हुआ तो भेड़ों ने अपनी रक्षा के लिए भेड़ियों को चुना |

* जीतने पर भेड़ियों ने कानून बनाया कि हर भेड़िए को नाश्ते में भेड़ का एक मुलायम बच्चा दिया जाए, दोपहर के भोजन में एक पूरी भेड़ दी जाए तथा शाम को स्वास्थ्य की दृष्टि से केवल आधी भेड़ दी जाए | 

                                                                                   



पात्रों का चरित्र-चित्रण 


भेड़ 

भेड़ें नेक, ईमानदार , कोमल , विनयी, दयालु , निर्दोष पशु है जो घास तक को फूँक-फूँक कर खाता  है | शाकाहारी पशु है | वन प्रदेश में भेड़ों की  संख्या नब्बे फ़ीसदी थी | भेड़ें शोषित वर्ग में आती हैं जो सरल शांतिप्रिय जनता का प्रतीक हैं | 

     ·  भेड़ें भोली-भाली जनता का प्रतिनिधित्व करती हैं |



भेड़िया 
भेड़िया स्वार्थी प्रवृत्ति का था | वह अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी  
सीमा तक जा सकता था | भेड़िया अवसरवादी था अवसर का लाभ उठाने में महारथ हासिल थी इसलिए जब चुनाव की बात आई तो    उसने सियारों का सहारा लिया हालांकि सियारों की संख्या भेंड़ों की तुलना में काफी कम थी फिर भी उसने अवसर का लाभ उठाकर चुनाव का फैसला अपने पक्ष में किया | भेड़िया ताकतवर भी था यही कारण है कि अपनी ताकत से जंगल में भेंड़ों के ऊपर राज करता था |  भेड़िया कपटी स्वभाव का था और बहुत अधिक झूठ बोलता था| वह किसी भी काम को अंजाम देने में कपट और झूठ का सहारा लेता था इसलिए चुनाव जीतने के लिए उसने सियारों का उपयोग किया|  ·  भेड़िए स्वार्थी एवं अवसरवादी नेताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं |

 
सियार 
 बूढ़ा सियार बहुत चतुर और बुद्धिमान था और अपनी बुद्धि का प्रयोग चतुराई से करता था | जब उसने भेड़िए को तनाव में देखा तो बूढ़े सियार ने कारण जानते हुए भी कुछ ना जानने का अभिनय किया | उसने बड़ी चतुराई के साथ भेड़िए को अपना रूप बदलने के लिए मना लिया | चुनाव होने से पहले भेड़िए ही के पक्ष में बहुमत की बात करना बूढ़े सियार की बुद्धि का परिचायक था 

·      सियार चापलूस लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो नेताओं की चापलूसी करके अपना काम निकालते हैं | 


 कहानी का उद्देश्य 

 इस कहानी में व्यंग्य के द्वारा लेखक हमें समाज की राजनैतिक अवस्था के प्रति जागृत होने तथा अपने मत का सही प्रयोग करने का संदेश देते हैं | राजनेताओं का चरित्र विश्वास के योग्य नहीं होता | वे अवसरवादी होते हैं | वे व्यक्तिगत स्वार्थ हेतु भोली-भाली जनता को विभिन्न वेश बनाकर छलते हैं और उनकी सरलता का लाभ उठाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं | सादा जीवन, सरलता, सौम्यता के गुण अच्छे हैं, लेकिन कुछ समय पश्चात् वे मूर्खता के पर्याय बन जाते हैं | जैसा कि भेड़ों के साथ हुआ| भेड़ें अत्यंत सीधी, सरल और आशावादी थीं लेकिन भेड़िये ने उन्हें बहलाकर अपना चुनाव करा लिया | उसने भेड़ों का कोई उपकार नहीं किया, बल्कि अपने स्वार्थ की सिद्धि की | इसी प्रकार आज के नेता व्यक्तिगत स्वार्थ से जुड़े होते हैं | जिस जनता के कारण वे नेता चुनकर सरकार में गये हैं उन्हीं पर वे अत्याचार और अन्याय करते हैं | यह बात लेखक ने 'भेड़ें और भेड़िये' पाठ के माध्यम से बताई है | अतः हमें किसी की बातों में नहीं आना चाहिए और सोच- समझकर अपने विवेक का प्रयोग कर सही व्यक्ति को वोट देना चाहिए |  


शीर्षक की सार्थकता

‘भेड़ें और भेड़िये’ के माध्यम से लेखक ने जनता और नेताओं की कथा कही है | भेड़ें प्रतीक हैं - भोली-भाली, सरल और विश्वासपात्र जनता की और भेड़िए प्रतीक हैं - अवसरवादी, स्वार्थी और चाटुकार भ्रष्ट नेताओं के | भेड़ें सरल, सीधी हैं जो अपने वन में अहिंसा और शांति का वातावरण बनाने के लिए अपने नेता का चुनाव करने को तैयार हो जाती हैं | वन में भेड़ों की बहुलता थी इसलिए भेड़िया उनको बहला-फुसलाकर चुनाव जीतना चाहता है | होता भी यही है | पूरी कहानी उनके इर्द-गिर्द घूमती है | अतः शीर्षक सर्वथा उचित है |   


  पाठ  का संदेश                 

 प्रस्तुत लेख हमें समाज की राजनीतिक अवस्था के प्रति जागृत होने तथा अपने मत का सही प्रयोग करने का संदेश देता है | लेखक ने जंगल में भेड़ों एवं भेड़ियों को प्रतीक बनाकर देश के राजनेताओं की पूरी प्रकृति का चित्रण किया है एवं हमें जागृत किया है कि यह राजनेता चुनाव में जीतने के लिए हमारे साथ झूठे वादे करते हैं तथा जैसे ही चुनाव जीत जाते हैं तो अपने वादों से मुकर जाते हैं तथा फिर से वही आम जनता का शोषण शुरू हो जाता है इसलिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए | अपने अधिकारों का सही प्रयोग करना चाहिए तथा अपने भीतर आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए |


Mind Map

पूरा पाठ पढ़ाने के बाद विद्यार्थियों से Mind Map बनवाते हैं जिससे उनके ज्ञान की परख होती है  कि उन्होंने पाठ को कितना समझा है | इसमें पाठ के सभी प्रमुख बिंदुओं को Mind Map द्वारा समझ सकते हैं 


Audio Book (ऑडियो बुक) 

इसमें बच्चे अपनी कहानी या कविता के सारांश को सुन सकेंगे | अपनी सुविधानुसार वे जब कभी अपने पाठों को सुनकर उनके सारांश को समझ सकते हैं | इस ऑडियो को सुनकर बच्चे अपनी कहानी या कविता को अच्छी तरह समझ सकेंगे | 

              
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शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

विपरीतार्थक शब्द

 विलोम  शब्द 

परस्पर विरोधी (विपरीत) अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहते हैं; जैसे – मोटा-पतला , मित्र-शत्रु , उत्तीर्ण - अनुत्तीर्ण 

                                                              अन्दर - बाहर 


कुछ शब्द स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे के विलोम होते हैं और कुछ शब्दों में आवश्यकतानुसार अ, अन, अव, निर्, निस्, दुर्, नि, कु, सु आदि उपसर्ग लगाकर विलोम शब्द बना लिए जाते हैं l









अ’ का कमाल : ‘अ’ से शुरू होने वाले शब्द और विलोम शब्द

    र्थ ✖ नर्थ                      वनि ✖  अंबर  

   नुज ✖ ग्रज                     दर  ✖  नादर 

   ल्पांश  धिकांश                 दि  ✖  नादि  

   शीर्वाद  भिशाप                चार   नाचार 

    दर  नादर                    रंभ   अं

  तिवृष्टि  नावृष्टि                 ल्प  ✖  ति

    स्था ✖ नास्था                  श्रित ✖ नाश्रित               

             


 ‘न’ का कमाल : न से शुरू होने वाले विलोम शब्द

    नाश  निर्माण                पुराना  या  

    अन्याय   न्याय              शाश्वत ✖ श्वर 

    आस्तिक ✖ नास्तिक            उच्च   निम्न 

    सजीव ✖ निर्जीव                स्तुति ✖  निंदा 

    आशा   निराशा               सामिष ✖ निरामिष 

    अनित्य ✖ नित्य                साक्षर   निरक्षर 


‘स’ का कमाल : ‘स’ से शुरू होने वाले विलोम शब्द

    अपमान ✖ म्मान               अनाथ ✖ नाथ 

    अकाल  सुकाल                 विधवा ✖ धवा 

    विरोध ✖ मर्थन                निर्जीव  जीव

    विपन्न ✖ संपन्न                  उषा  संध्या 

      उग्र ✖ सौम्य                  जटिल  रल 

     रहित  हित                  दुर्लभ  सुलभ 

 

‘र’ का कमाल : ‘र’ से शुरू होने वाले विलोम शब्द

   दिन  रात                       दिवस ✖ रात्रि  

   स्वस्थ ✖ रुग्ण                     भक्षक ✖ क्षक 

      द्वेष ✖ रा                       हास्य ✖ रुदन  

   प्रजातंत्र ✖ राजतंत्र                  अरुचि ✖ रूचि  

   स्निग्ध ✖ रुक्ष                     सहित हित 


         


गतिविधियाँ

कक्षा में कई तरह की गतिविधियाँ कराई जाती हैं | जिससे कक्षा में एकरसता टूटती है, छात्रों में नवीन उत्साह जगता है | छात्र आसानी से सीख जाते हैं |


* बूझो तो जानें

एक गद्यांश ,जिसमें अनेक विलोम शब्द होते हैं, छात्रों को ढूँढने होते हैं | जो सारे शब्द ढूँढे, वह विजेता होता है |

एक था राजा और एक था रंक | राजा बहुत ही मोटा था और रंक बहुत पतला था | राजा हमेशा उदास रहता था और रंक खुश रहता था | राजा बहुत क्रूर था और सबसे कड़वा ही बोलता था | इसके विपरीत रंक दयालु स्वभाव का था और वह सबसे मीठा बोलता था | कड़वा बोलने के कारण राजा के बहुत से शत्रु थे और मीठा बोलने के कारण रंक के बहुत से मित्र थे | एक बार क्या हुआ कि नगर में युद्ध छिड़ गया| राजा तो बहुत डरपोक था | वह डर कर ऊपर जाकर छिप गया| रंक निडर था ,वह नीचे ही रहा |राजा की हार हुई और रंक जीत गया |प्रजा ने राजा को फटकार लगाई  और रंक को दुलार किया |राजा की सब जगह निंदा हुई और रंक की प्रशंसा | रंक का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल गया | 

https://drive.google.com/file/d/1B2TupI4JgE4es_segt35YUiVwBNW1ecU/view?usp=sharing


       शब्द        विलोम                शब्द        विलोम

     राजा    ❌    रंक                डरपोक      निडर

     मोटा       पतला               ऊपर       नीचे

     उदास       खुश                हार    ❌   जीत

     क्रूर        दयालु               फटकार  ❌   दुलार

      कड़वा          मीठा               निंदा    ❌   प्रशंसा

     शत्रु        मित्र                दुर्भाग्य      सौभाग्य

    

*रेलगाड़ी का खेल

छात्रों को शब्दों के विलोम शब्द लिखने के लिए दिए जाते हैं | इसमें सही विलोम शब्द लिखने वाले छात्रों को इनाम दिया जाता है | सही विलोम लिखने वालों के लिए AC डिब्बा तथा गलत शब्द लिखने वालों के लिए रेलगाड़ी की जनरल बोगी |









*विलोम की खिचड़ी

नीचे मिले-जुले शब्दोँ को पढ़कर उनसे विलोम शब्दों के जोड़े बनाकर लिखिए | जो सबसे पहले जोड़े बनाता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है |

शोक   गुरु    जीव    द्वेष     अपयश   हर्ष  छोटा   वैध  शिष्य

राग    यश   भक्षक    निर्जीव   रक्षक   अवैध  शुभ  अशुभ  बड़ा 


*विलोम अन्त्याक्षरी  👧👦👧👦👭👬👱👳

इसमें अंतिम अक्षर से एक नया विलोम शब्द बनाना होता है | इससे विलोम शब्द याद हो जाते हैं |

न्यायअन्या  यशअपयशुक्लकृष्णनवीनप्राचीनिंदाप्रशंसासाक्षर निरक्षरागविरागमनआगमनगरग्रामलिनस्वच्छछलीनिश्छलोभनिर्लोभद्रअभद्रदुर्लभसुलभक्षकरक्षकपूतसपूतरलद्रवाचालमूकपटनिष्कपटूटनाजुड़ना 


* समवाय विधि

इसमें छात्र शब्द से विलोम शब्द, समानार्थी शब्द, मुहावरे तथा मुहावरे से वाक्य बनाते हैं और एक साथ कई विषयों का ज्ञान होता है |

  विलोम शब्द 👉                  आय     ❌    व्यय 

                                                                                        

  समानार्थी शब्द 👉               आमदनी         खर्चा

  मुहावरा 👉                    आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया 

  वाक्य -- अपने आय-व्यय का ख्याल रखोगे तो आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाला हाल नहीं होगा |



* Wordwall गतिविधि 👇👇 

https://wordwall.net/resource/18076177  


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  *   Video Link 


* विलोम का अभ्यास कार्य 

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